महीना: अप्रैल 2018
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के लिए छः मुख्य स्वास्थ्य योजनाएं शुरू की, कुल्लू अस्पताल में रखी मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य विंग की आधारशिला
प्रतिवर्ष 5 लाख रुपये तक का ईलाज होगा मुफ्त: डीसी, आयुष्मान दिवस के उपलक्ष्य पर 30 अप्रैल को होगी विशेष ग्राम सभाएं, क्षेत्रीय अस्पताल में जिला टास्क फोर्स ने योजना के कार्यान्वयन पर की चर्चा
नौकरी चाहिए तो आओ पहली मई को कांगड़ा,आईटीआई /हेल्पर के भरे जायेंगे 100 पद
केरला के पत्रकारों ने भुट्टिकों में जानी सहकारिता की बारीकियां, सत्यप्रकाश ठाकुर ने प्रेस क्लब केरला व मल्लापुरम का किया भव्य स्वागत
ने पूरे भुट्टिको परिसर का भ्रमण करवाया और हर चीज बताई कि यहां पर किस तरह से हिमाचली हस्तबुनकर व हथकरघा उद्योग के माध्यम से लोग रोजगार कमा रहे हैं। पत्रकारों के इस दल ने यह जानने की कोशिश की कि हिमाचल प्रदेश ने सहकारिता आंदोलन किस तरह फल-फूल रहा है और यहां की शॉल टोपी जो दुनियाभर में मशहुर है किस तरह बनती है। भ्रमण के बाद भुट्टिको के सभागार में भुट्टिको के चेयरमैन सत्यप्रकाश ठाकुर ने प्रेस क्लब केरला के सभी पदाधिकारी व सदस्यों का स्वागत किया और कुल्लवी परंपरा से सम्मानित किया। इस अवसर पर सत्यप्रकाश ठाकुर ने पत्रकारों के दल को संबोधित करते हुए कहा कि देश-दुनिया में कुल्लवी शॉल-टोपी सहित अन्य हस्तबुनकर व हथकरघा उत्पाद मशहुर है। उन्होंने कहा कि भुट्टिको सोसाइटी दुनिया भर की नंबर वन सोसाइटी है। यहां पर उत्तम क्वालिटी के उत्पाद तैयार होते हैं। उन्होंने कहा कि भुट्टिको प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से एक हजार से अधिक लोगों को रोजगार मुहैया करवा रही हैं। उन्होंने कहा कि केरला भी सहकारिता व पर्यटन के क्षेत्र में आगे है। इस अवसर पर नॉर्थ इंडिया पत्रकार एसोसिएशन हिमाचल के प्रधान धनेश गौतम ने लोक संपर्क अधिकारी अयापन व प्रेस क्लब मल्लापुरम के सचिव सुरेश बाबू का आभार प्रकट किया कि उन्होंने यहां आकर हिमाचल के पत्रकारों को याद किया और उनसे शिष्टाचार भेंट वार्ता व विचारों का आदान-प्रदान किया। इस अवसर पर प्रेस क्लब मल्लापुरम केरला के सचिव सुरेश बाबू ने नॉर्थ इंडिया पत्रकार ऐसोसिएशन प्रेस क्लब कुल्लू व भुट्टिको का आभार व्यक्त किया कि उन्होंने उनकी इस यात्रा को सफल बनाया है। उन्होंने बताया कि उनका यह स्टडी टुयर था और उन्होंने प्रेस क्लब कुल्लू व नॉर्थ इंडिया पत्रकार एसोसिएशन के लोगों से मिलना था और सौहार्दपूर्ण बैठक में विचारों का आदान-प्रदान करना था कि हिमाचल व केरला की पत्रकारिता में क्या अंतर है। उन्होंने कहा कि उन्हें भुट्टिको में आकर बेहद खुशी हुई कि यहां पर सहकारिता आंदोलन को बढ़ावा दिया जा रहा है और वे केरला में जाकर भुट्टिको को सहकारिता के क्षेत्र में देश-दुनिया के मॉडल के रूप में पेश करके प्रकाशित करेंगे। इस अवसर पर मल्टी मीडिया के संपादक अनल पत्रवाल व वरिष्ठ महिला पत्रकार सरोज पत्रवाल, केरला प्रेस क्लब के उप प्रधान केपीओ स्टेट कमेटी मेंबर समीर, प्रेस क्लब केरला के सह सचिव वी अजय कुमार,ई सलाहुदीन, प्रेस क्लब कुल्लू के वाईस चेयरमैन आशीष शर्मा भी मौजूद रहे।
सर्पदंश के मामले में झाड़-फूंक पर समय बर्बाद न करें लोग, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आर.एस. राणा ने किया जागरूक।
धर्मशाला, 12 अप्रैल: मुख्य चिकित्सा अधिकारी कांगड़ा डॉ. आर.एस. राणा ने सर्पदंश के मामलों में लोगों से झाड़फूंक पर समय बर्बाद करने के बजाय सर्पदंश के शिकार व्यक्ति को चिकित्सा उपचार के लिए तुरन्त नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में ले जाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि समय पर अस्पताल ले जाने से सर्पदंश के शिकार व्यक्ति की अनमोल जिन्दगी को बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि चाबीसौं घंटें खुले रहने वाले सरकारी स्वास्थ्य सस्थानों में एण्टी वेनम इंजैक्शन उपलब्ध रहता है तथा समय पर इंजैक्शन लग जाए तो रोगी के जीवन की रखा की जा सकती है।
गौरतलब है कि गर्मियों एवं बरसात के मौसम में सांप के काटने का अधिक खतरा रहता है।
सर्पदंश की स्थिति में क्या करें
डॉ. आर.एस. राणा का कहना है कि विषैले सांपों के काटे जाने पर रोगी को समय पर एण्टी वेनम इंजैक्शन लग जाए तो उसे बचाया जा सकता है। किन्तु देखा गया है कि परिवार के लोग झाड़-फूंक मेें समय बर्बाद कर देते हैं जिसके कारण समय पर इलाज न होने से सर्पदंश के शिकार व्यक्ति की मृत्यु हो सकती है। सर्पदंश के मामले गर्मियों के शुरू होते ही घटित होते हैं और बरसात में यह अत्यधिक हो जाते हैं। सांप की 70 प्रतिशत प्रजातियां विष रहित होती हैं लेकिन जो 30 प्रतिशत प्रजातियां हैं वह बहुत ही विषैली होती हैं तथा उनका उपचार विषरोधी दवा के बिना नहीं हो सकता। उन्होंने लोगों से अपील की है कि सर्पदंश के मामले में झाड़-फूंक में समय बर्बाद ना करें और तुरन्त 108 आपातकालीन सेवा पर कॉल करंे सर्पदंश के मामलों से निपटने के लिए 108 एम्बुलेेंस में सर्प विषरोधी दवाएं उपलब्ध रहती हैं जो पीड़ित को तत्काल दी जाती हैं। चाबीसौं घंटें खुले रहने वाले सभी सरकारी स्वास्थ्य सस्थानों में एण्टी वेनम इंजैक्शन उपलब्ध रहता है ।
सर्पदंश की पहचान कैसे करें
सर्पदंश के दौरान काटी गई जगह पर दांतों का निशान, हल्की दर्द व उसके चारों तरफ लाली से पहचाना जा सकता है। यदि काटी गई जगह के आस पास की त्वचा में अत्यधिक लचीलापन एवं सोजिश है, तो यह सर्पदंश के लक्षण हो सकते हैं। बेहोशी, सांस लेने में तकलीफ, खून के धब्बे उभरना, पसीना आना इत्यादि भी सर्पदंश के सामान्य लक्षणों में सम्मिलित हैं।
सांप के काटने पर क्या करें
सर्वप्रथम 108 को फोन करें, नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पहुंचें। पीड़ित को हिम्मत बधाएं तथा उसे जाग्रत अवस्था में रखें । पीड़ित को ज्यादा न हिलाएं-डुलाएं और काटी गई जगह को स्थिर रखें। रक्त के बहाव को न रोकें। नाजुक जगह को जोर से न बांधे इससे कोई फायदा नहीं होगा बल्कि नुकसान हो सकता है। पीड़ित के तंग कपड़े एवं हर प्रकार के गहने उतार दें। शीघ्रातिशीघ्र अस्पताल पहुंचें। पीड़ित को शांत रखें। किसी भी तरह का तनाव उसके रक्तचाप को बढ़ा सकता है जिससे उसकी जिन्दगी संकट में पड़ सकती है।
सांप के काटने पर क्या न करें
डॉ. राणा ने कहा कि सांप के काटने पर पीड़ित को बैंडेज न बांधे। रक्त बहाव को रोकने का प्रयास न करें। इससें बाजू या टांग को खोने का नुकसान हो सकता है। सर्पदंश की जगह को ना काटें। इससे जख्म और ज्यादा बढ़ सकता है। सर्पदंश वाली जगह मुंह लगाकर विष चूसने का प्रयास न करें। जख्म पर बर्फ या दूसरा ठंडा करने वाले पदार्थ का कोई प्रयोग ना करें इससे जख्म ओर बढ़ सकता है। सर्पदंश की जगह विद्युत तरंगों का प्रवाह बिल्कुल न करें। इससे विष का प्रभाव कम नहीं होगा बल्कि स्थिति ओर बद्तर हो जाएगी। सांप को मारने और पकड़ने में समय न गवाएं। पीड़ित को खाने अथवा पीने को कुछ न दें।
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