घू-धू कर जली बस…..

कुल्लू-मनाली की सैर को आए पर्यटकों से भरी बस में अचानक आग लगी। बस यूपी की बताई जा रही। बस में कितनी सवारियाँ थी या बस खाली थी इसकी जानकारी अभी नहीं है। यह वीडियो किसी व्यक्ति ने अपनी गाड़ी से शूट किया है।

खूबसूरत काज़ा……कैमरे की नज़र

प्रकृति का भरपूर यौवन कहीं है तो, काज़ा में, जनत के नजारे। चन्द महीनों के लिए खुला है…..कुल्लू-काज़ा मार्ग। रास्ते में कुंजुम माता और चंद्रताल के दर्शन। प्रकृतिक छटा देखते ही बनती है।

वेलकम टू कुल्लू सिंघम : ऐसे हैं हमारे नए SP
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हिमाचल में सबसे कम उम्र में एसपी बनने वाले गौरव सिंह अब कुल्लू जिला के नए पुलिस कप्तान हैं. 2013 बैच के आईपीएस अधिकारी गौरव सिंह बद्दी में बतौर एएसपी सेवाएं दे चुके हैं. उनका यह कार्यकाल खनन व नशा माफिया को सबक सिखाने वाला रहा था. इस अधिकारी की कार्यप्रणाली की जनता प्रशंसा करती है तथा बीबीएन के जनप्रतिनिधि व लोग चाहते थे कि वे यहां पर एसपी लगें, ताकि नशा व खनन माफिया पर लगाम लग सके. राज्यपाल की नाराजगी के बाद से बस्सी में बतौर कमांडेंट तैनात गौरव सिंह को एसपी कुल्लू लगाया गया है।

गौरव सिंह का जन्म 1 जुलाई, 1990 को आगरा में एक साधारण परिवार में हुआ है. उनके पिता का नाम बी सिंह और माता का नाम किरण देवी हैं। गौरव शिमला, बद्दी व कांगड़ा में बतौर एएसपी सेवाएं और लाहौल-स्पीति में बतौर कप्तान सेवा दे चुके हैं।

बद्दी में तैनाती के बाद से ही आईपीएस गौरव सिंह अवैध खनन और नशीले पदार्थ के कारोबार पर सख्त रुख अपनाए हुए थे। उनके आठ महीने के कार्यकाल के दौरान बद्दी में अवैध खनन पर लगभग अंकुश लग गया था। दिन में ड्यूटी के बाद रात में भी गौरव अचानक छापामारी और गश्त पर खुद निकल जाते थे। उनकी कार्यशैली की दहशत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बद्दी में रात के अंधेरे में फलने फूलने वाला अवैध खनन का कारोबार लगभग बंद हो गया था।

7 माह के कार्यकाल में अवैध खनन के 177 मामले पकड़े थे
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बद्दी में बतौर एएसपी गौरव सिंह ने अपने 7 महीनों के कार्यकाल में अवैध खनन के 177 मामले पकड़े व करीब 26 लाख रुपए जुर्माना वसूला था. इसी तरह ड्रग्स के 13 व अवैध शराब के कारोबार के 75 मामले पकड़े थे. बद्दी में अपने कार्यकाल में गौरव सिंह ने एटीएम से नकदी चोरी, चेन स्नैचिंग व मर्डर के 2 मामलों को भी सुलझाया था.

विधायक की पत्नी के वाहनों का किया चालान, कांग्रेस ने किया था ट्रांसफर
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उन्होंने बिना किसी दबाव के बद्दी में कार्य किया और तत्कालीन विधायक की पत्नी के टिप्पर का चालान कर दिया था. विधायक की पत्नी के टिप्पर का चालान करने के तुरंत बाद सरकार ने कांगड़ा में बतौर एएसपी तैनाती दे थी.

ईमानदारी के लिए पूरे देश में जानी जाने वाली हिमाचल पुलिस के दामन पर कोई धब्बा न लग जाए, ऐसा गौरव सिंह बर्दाश्त नहीं कर सकते और इसीलिए उन्होंने सही ढंग से नौकरी न करने वाले 26 पुलिस व होमगार्ड जवानों पर कार्रवाई की है, जिनमें 22 लाहौल-स्पीति और 4 बद्दी के शामिल हैं.

डीजीपी डिस्क आवार्ड से सम्मान मिल चुका है
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गौरव सिंह कहते हैं कि गलत को छोड़ा नहीं जाना चाहिए और सही को गलत फंसाया नहीं जाना चाहिए. सही करते हुए डरना नहीं चाहिए, क्योंकि सही का साथ सभी देते हैं. गौरव सिंह को 30 जून, 2017 को तत्कालीन डीजीपी संजय कुमार ने डीजीपी डिस्क आवार्ड से सम्मानित किया था. उन्हें यह अवार्ड वर्ष 2015 में जिला शिमला के बालूगंज में ब्लाइंड मर्डर को सुलझाने व ओवरआल गुड वर्किंग के लिए मिला था.